• लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त)

    लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त)

    पाठ्यक्रम क्यूरेटर और प्रशिक्षक

     

    इस दिन ​​लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा  कोर्स के विजन और सीखने के उद्देश्यों को निर्धारित करेंगे । इसके बाद वह आपको चीन-भारत संबंधों की मूलभूत समझ से लैस कराने के लिए आधुनिक चीनी इतिहास की बात करेंगे। विशेष रूप से, इस सत्र में 1911 से 1949 तक चीन के विकास को समझा जाऐगा । इसके बाद वह चीन के विस्तारवादी आदर्शों और तिब्बत जैसे क्षेत्र पर कब्जा करने की उसकी क्षमता के बारे में बताऐंगे । 1949 में चीन की स्वतंत्रता से लेकर वर्तमान तक चीन के सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य विकास को भी देखा जाऐगा

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    लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त)

    पाठ्यक्रम क्यूरेटर और प्रशिक्षक

     

    ​​लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा चीन के प्रभाव को उसके पड़ोस में मापेंगे । यह सत्र आसियान के साथ चीन के संबंधों पर और भारत-प्रशांत क्षेत्र में इसकी बढ़ती भागीदारी पर प्रकाश डालेगा। वह नाइन डैश लाइन जैसे बहुचर्चित मुद्दों की व्याख्या करेंगे और उस पर चीन के दावों के बारे में विस्तार से बताएंगे। जिस तरह से चीन ताइवान के एकीकरण की अगुआई कर रहा है, वो इस सत्र में चर्चा का एक और विवादास्पद मुद्दा होगा।

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    लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त)

    पाठ्यक्रम क्यूरेटर और प्रशिक्षक

    इस सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा चीन, पाकिस्तान और भारत के संबंधों पर चर्चा करेंगे। चीन के भारत सहित प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजनाऐं - CPEC और BRI - और इनकी भारत के लिए निहितार्थों के बारे में बताया जाएगा। BRI पर भारतीय आरक्षण के नए दृष्टिकोण, CPEC के अपने हितधारकों चीन और पाकिस्तान के लिए लाभ और भारत के लिए इसके बाद के मुद्दों पर भी बात होगी । चर्चा का एक अन्य प्रमुख विषय सियाचिन विवाद होगा। लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा इस विवाद के समाधान के लिए रणनीति तलाशेंगे।सत्र में पाकिस्तान द्वारा चीन को दी गई सक्षगाम घाटी पर भी चर्चा की जाएगी, साथ ही भारत के लिए निहितार्थों पर नए दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

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    पाठ्यक्रम क्यूरेटर और प्रशिक्षक

     

    इस इंटरैक्टिव सत्र में, प्रतिभागियों को चीन और भारत के बीच चल रहे क्षेत्रीय सीमा विवाद के गर्म विषय से परिचित कराया जाएगा। इस विवाद के दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव में परिवर्तन को प्रमुखता से देखा जाएगा और सबूतों द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी। लेफ्टिनेंट जनरल राकेश 60 वर्षों से अधिक समय से चले आ रहे इस मुद्दे को संदर्भ प्रदान करने के लिए इतिहास का उपयोग करते हुए सीमा विवाद की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताएंगे।इस सत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद के प्रमुख मुद्दों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

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    पाठ्यक्रम क्यूरेटर और प्रशिक्षक

    लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा प्रतिभागियों को सीमा प्रबंधन की अवधारणा से अवगत कराऐंगे । इस व्याख्यान में यह ज्ञान भी शामिल होगा कि कैसे सीमा प्रबंधन प्रत्येक राष्ट्र के लिए अद्वितीय है और भारत में इसका कैसे उपयोग किया जाता है। वह भारत में सीमा सुरक्षा बलों की संरचना और उनकी भूमिका के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। इस सत्र में अलग-अलग समय अवधि जैसे शांति काल,न युद्ध न शांति काल और संघर्ष के समय सीमा प्रबंधन में आने वाली अनूठी चुनौतियों और अवसरों के बारे में बताया जाऐगा।


     

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    पाठ्यक्रम क्यूरेटर और प्रशिक्षक

     

    अन्तिम सत्र का विषय है कि भारत चीन के साथ सीमा विवाद को कैसे संभालता है। लेफ्टिनेंट जनरल राकेश सैन्य और राजनीतिक स्तर पर सीमा प्रबंधन के लिए भारत और चीन के बीच प्रमुख समझौतों पर प्रकाश डालेंगे। सीमा समाधान के विभिन्न तंत्रों को विस्तृत किया जाएगा ताकि प्रतिभागी यह समझ सकें कि दोनों देशों के बीच सीमा समाधान तंत्र की प्रगति कैसे हुई है। वह चीन के भूमि सीमा कानून के मुख्य पहलुओं और भारत के लिए इसके निहितार्थों के बारे में भी बताएंगे।


अब हम इस कोर्स के लिए आवेदन स्वीकार कर रहे हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 4 मार्च है|